महाविद्यालय में निम्नलिखित में निम्नलिखित खेलो के लिए सुविधाए है
वालीबाल , बेडमिन्टन , खो-खो , क्रिकेट , शतरंज , एथलेटिक्स , कैरम , टेबल टेनिस , हैण्डबाल , फूटबाल , मल्टीजीम की सुविधा है |
इस महाविद्यालय मे एन.एस.एस की एक इकाई कार्यरत है | इस योजना के अंतर्गत विद्यालय को शहरी बस्तियों और ग्राम में समाज सेवा के कार्य करने होते है| 240 घंटे की सेवा करने पर महाविद्यालय से प्रमाण पत्र मिलता है |
समाज सेवा के अंतर्गत श्रमदान, वृक्षारोपण, प्रोढ़ शिक्षा, स्वच्छता , रक्तदान, अल्प बचत, प्राथमिक उपचार अदि कार्य करने होते है | वार्षिक विशेष शिविर भी आयोजित किया जाता है , जिसमे उपस्थिति अनिवार्य है |
किसी भी सैक्षणिक संस्था में पुस्तकालय का विशेष महत्व है और उसमे उपलब्ध पुस्तके शिक्षको तथा विद्यार्थियों के लिए रीढ की हड्डी का कार्य करती है| वर्तमान में महाविद्यालय के पुस्तकालय में अध्यापन के लिए उत्कृष्ट एवं अपने विषय लेखको की करीब 26000 पुस्तके है
अ. स्नातक कक्षा के विद्याथियो को सप्ताह में एक बार दो पुस्तके निर्गमित की जाती है| पुस्तके यदि समय पर वापस नहीं की जाती है तो प्रतिदिन एक रूपए की दर से दण्ड देय होगा |
ब. वाचनालय कक्ष में उत्तम पत्र / पत्रिकाए पढने के लिए उपलब्ध है |
महाविद्यालय के प्रत्येक छात्र-छात्राओं को भेषजिक परीक्षण करना होगा यह जांच किसी चिकित्सक द्वारा नियत तिथि को होगी |
शासन द्वारा स्वीकृत छात्रवृत्तिया इस महाविद्यालय में उपलब्ध है| विद्यार्थी जिस छात्रवृत्ति की पात्रता रखता है वह प्रवेश मिलते ही फॉर्म भरकर उचित प्रमाण पत्र सहित जुलाई माह में जमा करे |
महाविद्यालय में अनुशासन व्यवस्था और अनुशासनहीनता के मामले की जांच एवं निर्माण के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड रहेगा |
विश्वविद्यालय अधिनियम में प्रावधान : मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनयम 1973 के अधीन बनाये गए
अध्यादेश क्रमाकं 7 की धारा 13 के अनुसार महाविद्यालय के छात्र द्वारा महाविद्यालय में अथवा बाहर अनुशासन भंग किये जाने या दुराचरण किये जाने पर छात्र के विरुध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्राचार्य सक्षम है| अनुशासनहीनता के लिए उक्त अध्यादेश में निम्नलिखित दण्ड का प्रावधान है|
1.निलंबन
2.निष्कासन
3.विश्वविद्यालय परीक्षा में सम्मिलित होने से रोकना